Monday, August 26, 2013

विस्तारित प्रेम

स्नेह ,प्यार का रिश्ते हजारों 
कुछ दर्द के रिश्ते,कुछ प्यार के 
फूल सा कोमल, कुछ चुभता शूल . 
प्यार को समेट आँचल में तो 
दर्द को भी भर दामन मेँ 
प्रेम का तू विस्तार कर।

निशा के परे ही दिवस है आता
पतझर के पास ही सदा मधुमास
मूक हो या मुखर ,दर्द सबका बराबर 
विचार ,विवेचना तू मत कर
शूल पर फूल का खुशबू भर दे
प्रेम को तू विस्तृत कर दे ।संगीता ....

Wednesday, August 21, 2013

अनूठा बंधन

अंतिम दिन सावन का
ये अनूठा उपहार 
रक्षा- बंधन का त्योहार 
नाजुक सा डोर ,मजबूत बंधन 
अनोखा सा संबंध 
भाई बहन का प्यार 
बंधन से मन दूर भागे 
पर बंधन में बंधने
भाई पहुंचे बहन के द्वार 
माथे पे तिलक,मुख पे मिठाई
राखी से सजे भाई की कलाई
अनुपम ये त्योहार
पवित्र भाई बहन का प्यार ।संगीता.....