शब्द से वाचाल हो तुम मौन,
शब्द तो है वर्णों में सीमित,
मौन तुम तो अन्तरिक्ष तक विस्तारित,
मौन पलक उठ कर गिरता,
बात अनकही कह जाता,
मौन संवेदना दे दिलासा,
भाषा रह जाए आधा सा,
मौन में विलाप का स्वर समाहित,
मौन में सार्थक विद्रोह अभिव्यक्त,
मौन में छिपी सहानुभूति का स्वर,
हारे जब भाव स्वयं से थक कर,
मौन से मौन में हो जाए व्यक्त.
मौन में विलाप का स्वर समाहित,//
ReplyDeletewaah ////