अच्छा लगता है ,
समुन्दर किनारे गीली रेत पर
बिलकुल अकेला बैठना
देखना लहरों का आना और जाना
एक तिनका भी नहीं लेता सागर
धीरे से किनारे ला छोड़ जाता
पर नदी का अथाह जल
प्यार से समेट लेता क्यों?
क्यों की खारा समुन्दर
सरिता की मीठा जल से
अपने को दूर नहीं रख पाया
आते जाते लहर
किनारों को यही गीत सुनाते .संगीता .......
समुन्दर किनारे गीली रेत पर
बिलकुल अकेला बैठना
देखना लहरों का आना और जाना
एक तिनका भी नहीं लेता सागर
धीरे से किनारे ला छोड़ जाता
पर नदी का अथाह जल
प्यार से समेट लेता क्यों?
क्यों की खारा समुन्दर
सरिता की मीठा जल से
अपने को दूर नहीं रख पाया
आते जाते लहर
किनारों को यही गीत सुनाते .संगीता .......
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