मै समय हूँ ,
बस निरंतर हूँ गतिमान
परिवर्तन के
शाश्वत नियम को कर
उल्लंघन केबल मै
सदा से अपरिवर्तित ।
मुझे बांध लो कितने
दिन ,बार ,ऋतु ,साल मे
नया या पुराना साल मान
कर लो कितना गान
मै सदा से अपरिवर्तित
कित ने आए ,कितने गए
कोई न मुझे समझ पाये
ये महल ये शान ये आन ये बान
यहीं रहा गया ।
नाम कुछ बहुत शीघ्र
कुछ देर से
पर मिट तो जाते हैं .
समय के पहियों से
आना ओर जाना यही है सत्य
न कोई साल पुराना
न कोई साल नया
मै हूँ समय - बस चलते ही रहना
ओर बस चलते ही रहना.संगीता....
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