bahut khoob sikta jee
thanks baban ji
पीड़ा व्यक्तिगत होती है ...सिर्फ अपनी, शायद इसीलिए इतनी करीब होती है....
bahut hi gahra aur sundar varnan kiya hai aapne peeda ka...ati sundar...:))
han monika ji aap se purn sahmat hun.aap ne padhi sach men mujhe achha laga.
पीड़ा को अच्छे शब्द दिये हैं आपने। सादर ---- जो मेरा मन कहे पर आपका स्वागत है
पीड़ा व्यक्तिगत होती है,इसीलिए इतनी करीब होती
बहुत सुन्दर संगीता जी..
bahut khoob sikta jee
ReplyDeletethanks baban ji
Deleteपीड़ा व्यक्तिगत होती है ...सिर्फ अपनी, शायद इसीलिए इतनी करीब होती है....
ReplyDeletebahut hi gahra aur sundar varnan kiya hai aapne peeda ka...ati sundar...:))
ReplyDeletehan monika ji aap se purn sahmat hun.aap ne padhi sach men mujhe achha laga.
ReplyDeleteपीड़ा को अच्छे शब्द दिये हैं आपने।
ReplyDeleteसादर
----
जो मेरा मन कहे पर आपका स्वागत है
पीड़ा व्यक्तिगत होती है,इसीलिए इतनी करीब होती
ReplyDeleteबहुत सुन्दर संगीता जी..
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