सागर में उठती लहरें,
सड़कों पे भागती गाड़ियाँ,
पटरीयों में दौड़ते लोकल,
आसमान से बरसता पानी,
हमारी मुंबई आर्थिक राजधानी,
जागती मुंबई, भागती मुंबई
आपदा,विपदा में पल को रूकती,
फिर सरपट भागती मुंबई
हर नए आगतों को डराती मुंबई,
फिर बाँहों में भर लेती मुंबई,
कोई भूखा रहता नहीं यहाँ,
क्यों की खाली बैठने देती नहीं मुंबई .(संगीता )
पटरीयों में दौड़ते लोकल,
आसमान से बरसता पानी,
हमारी मुंबई आर्थिक राजधानी,
जागती मुंबई, भागती मुंबई
आपदा,विपदा में पल को रूकती,
फिर सरपट भागती मुंबई
हर नए आगतों को डराती मुंबई,
फिर बाँहों में भर लेती मुंबई,
कोई भूखा रहता नहीं यहाँ,
क्यों की खाली बैठने देती नहीं मुंबई .(संगीता )